नई दिल्ली, एएनआइ। चीन की चालबाजियों का हर जगह मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। गलवन घाटी में चीनी करतूत के कारण हुई ¨हसक झड़प के तुरंत बाद भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर के साथ-साथ दक्षिण चीन सागर में भी अपना युद्धपोत तैनात कर दिया था। सूत्रों के हवाले से रविवार को पहली बार यह जानकारी सामने आई। यह कदम इसलिए अहम है क्योंकि दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना दावा जताता रहा है।सूत्रों का कहना है कि दक्षिण चीन सागर में युद्धपोत तैनात करने का असर चीनी नौसेना पर तुरंत दिखाई दिया। उसने भारत के साथ राजनयिक स्तर की वार्ता में इस मुद्दे को उठाया था।
नियमित ड्रिल के तहत भारतीय युद्धपोत को लगातार अन्य देशों की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती रही। पूरा मिशन गोपनीय तरीके से किया गया ताकि नौसेना की गतिविधियों पर लोगों की नजर न पड़े। इस तैनाती के दौरान भारत ने अमेरिका को भी भरोसे में ले लिया था। अमेरिकी नौसेना से लगातार संपर्क रखा गया। अमेरिका ने भी इस क्षेत्र में अपने पोत तैनात किए हुए हैं।नौसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के नजदीक मलक्का स्ट्रेट और ¨हद महासागर में चीनी नौसेना के प्रवेश मार्ग के नजदीक भी अपने जहाज तैनात किए हैं। इससे चीनी नौसेना की हर गतिविधि पर नजर रखने में मदद मिली है। मलक्का स्ट्रेट से भी चीन के कई जहाज तेल एवं अन्य वस्तुओं के साथ अन्य महाद्वीपों से आते हैं।पूर्व से पश्चिम तक पूरी तैयारी
सूत्रों ने बताया कि भारतीय नौसेना पूर्वी और पश्चिमी दोनों ही मोर्चे पर किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। मिशन के आधार पर तैनाती से हिंद महासागर में और उसके आसपास स्थिति को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने में मदद मिली है। मलक्का स्ट्रेट से हिंद महासागर की ओर चीनी नौसेना की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना विभिन्न स्वचालित पनडुब्बियों, मानवरहित सिस्टम एवं सेंसर भी लगाने की योजना बना रही है।
हर तरफ नजर
- अंडमान के नजदीक भी नौसेना ने की है जहाजों की तैनाती
- चीन की हर आवाजाही और गतिविधि की हो रही निगरानी
- स्वचालित पनडुब्बियां एवं सेंसर लगाने की भी योजना
क्यों अहम है यह कदम?
दक्षिण चीन सागर में अपना युद्धपोत भेजकर भारत ने चीन के समक्ष यह जता दिया कि वह उसके सबसे अहम सामरिक मोर्चे पर भी चुनौती देने के लिए तैयार है।
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